Sultan Salahuddin Ayyubi Full Story in Hindi | सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी की पूरी कहानी

 


कौन थे सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी ? 


सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी सिर्फ़ इस्लाम के इतिहास में ही नहीं बल्कि दुनिया के इतिहास के मशहूर तरीन फ़ातहीन व हुक्मरानों में से एक हैं। 1137 ईस्वी में मौजूदा इराक के शहर तकरीयत में पैदा हुए सलाहुद्दीन अय्यूबी की ज़ेर-ए-क़यादत अय्यूबी सल्तनत में मिस्र, शाम, इराक़, यमन, हजाज़ और दयार-ए-बाकर पर हुकूमत की सलाहुद्दीन अय्यूबी की बहादुरी, जुरअत, हुस्न ख़ल्क, सखावत और बर्दबारी के बाअस ना सिर्फ मुसलमान हघ बल्कि ईसाई भी बडे ही अदब वह एहतराम की निगाह से देखते हैं।


सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी ने 2 अक्टूबर 1187 ईस्वी को यूरोप की फौज को इबरतनाक शिकस्त देकर बैत-उल-मुक़द्दस को उनसे रिहा करवा लिया था, नस्लन कुर्द के सलाहुद्दीन अय्यूबी 1137 ईस्वी में तकरियत कुर्दिस्तान के उस हिस्से में पैदा हुए जो फिलहाल इराक में शामिल है। शुरूआत दौर में वो सुल्तान नूरुद्दीन जंगी के यहां एक फौजी अफसर थे।


मिस्र को फ़तह करने वाली फौज में सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी भी शरिक रहे थे और फौज के सिपहसालार शेर कुह, सलाहुद्दीन अय्यूबी के चाचा थे। मिस्र फ़तह हो जाने के बाद सलाहुद्दीन अय्यूबी को 564 हिजरी में मिस्र का हाकिम मुकर्रर किया गया था।उन्होंने 569 हिजरी में यमन भी फ़तह कर लिया था।


नूरुद्दीन जंगी के इंतकाल के बाद हुक्मरानी पर काबिज हुए सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी अपनी शुजाअत में नूरुद्दीन जंगी की भी बाज़ी ले गए। उनमें फतहयाबी का जज्बा कूट कूट कर भरा हुआ था और बैत-उल-मुक़द्दस (मस्जिद ए अक़्सा , येरुशलम) की फतेह उनकी सबसे बड़ी तमन्ना थी।


मिस्र फतह करने के बाद सलाहुद्दीन अय्यूबी ने 1182 ईस्वी तक मुल्के शाम (सिरिया), मोसुल, हलब वगैरह फतह करके अपनी सल्तनत में शामिल कर लिए। उस दौर में सलीबी सरदार रिनॉल्ट (Renault) के साथ 4 साला मुआहदा भी हो चुका था। इस वजह से दोनों एक दूसरे की मदद करने के पाबंद थे लेकिन ये वादा महज कागजी ही था।



दुनिया में सबसे अधिक अस्पतालों और स्कूलों का निर्माण करने वाले हुक्मरान थे सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबई


सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी दुनिया के पहले ऐसे हुक्मरान था जिन्होंने सबसे ज्यादा अस्पतालों और स्कूलों का बनवाईं थी। उन्होंने जो अस्पताल बनवाएं थे उसमें दुनिया के सबसे बेहतरीन डॉक्टर्स काम करते थे। आपको जानकर हैरानी होगें कि दुनिया का सबसे पहला शिक्षा बजट सलाहुद्दीन अय्यूबी ने ही पेश किया था। उन्होंने ही तलबाओं (स्टुडेंट) के रहने के लिए हॉस्टल और कैंटीन बनाने की जिस परम्परा का आगाज किया उसी के नक्शे कदम पर आज पूरी दुनिया चलती है।


सलाहुद्दीन अय्यूबी ने कभी भी अवाम (जनता) का पैसा खुद पर खर्च नहीं किया यहाँ तक कि उन्होंने अपनी जिंदगी में कभी रेशमी लिबास भी नहीं पहना था। इतनी बड़ी सल्तनत का मालिक होंने के बावजूद सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी ने अपनी पूरी जिंदगी एक खैमे (टेंट) में गुजार दी। 



सलाहुद्दीन अय्यूबी का इन्साफ 


सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी तारीख (इतिहास) के सबसे इन्साफ पसंद बादशाह कहलाते है। उनके दरबार में हर इंसान को आने की खुली इजाजत थी। सलाहुद्दीन अय्यूबी ने हफ्ते (सप्ताह) मे दो बार जनता दरबार लगाने की जिस परंपरा की शुरुआत की उसे आज भी बहुत से देशों में इस्तेमाल किया जाता है। सुल्तान सलाहुद्दीन अय्यूबी की इंसाफपसंदी का ये आलम था कि यहूदी और ईसाई लोग भी अपने फैसलों के लिए उनके दरबार आते थे।

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