मस्जिद में भीख़ मांगना सख़्त मना हैं
आज'कल मस्जिदों में सवाल करने और भीख़ मांगने का रिवाज बहुत बढ़ता जा रहा है, अमूमन देखा जाता है कि इधर इमाम साहब ने सलाम फेरा उधर किसी ना किसी ने, और बाज़ औक़ात कई-कई लोगों ने अपनी-अपनी आपबीती सुनाना और *"मदद करो भाईयों"* की पुकार लगाना शुरु कर दिया। हालांकि यह निहायत *"ग़लत तरीक़ा"* है, ऐसे लोगों को इस हरकत से बाज़ रखा जाए और मस्जिदों में भीख़ मांगने से सख़्ती से रोका जाए।_
सदरुश्शरीआ़ हज़रत मौलाना अमजद अली साहब अलैहिर्रहमा फरमाते हैं"
मस्जिद में सवाल करना *हराम* है, और उस साइल को देना भी मना है।
📚(बहारे शरीअ़त, हिस्सा 3, सफ़ह 184)*
इसका तरीक़ा यह होना चाहिए कि, ऐसे लोग या तो बाहर दरवाज़े पर सवाल करें, या इमामे मस्जिद वगै़रह किसी से कह दें कि वह उनकी ज़रूरत से लोगों को आगाह कर दें।_
📚 (ग़लत फ़हमियां और उनकी इस्लाह-हिन्दी, सफ़ह- 35)
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